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बीए सेमेस्टर-2 - हिन्दी - कार्यालयी हिन्दी एवं कम्प्यूटर

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 2719
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 - हिन्दी - कार्यालयी हिन्दी एवं कम्प्यूटर

अध्याय - 8 
हिन्दी भाषा और संगणक (कम्प्यूटर) 

कम्प्यूटर की अवधारणा

कम्प्यूटर शब्द अंग्रेजी भाषा के शब्द कम्प्यूट (Comput) से बना है, जिसका अर्थ गणना करना होता है। हिन्दी में इसको संगणक कहा जाता है। कम्प्यूटर का मुख्य कार्य अनेक प्रकार की गणनाएँ करके उनके भिन्न-भिन्न परिणाम हमारे सामने प्रस्तुत करना है, इसलिए उसके इस व्यावहारिक पक्ष के आधार पर कम्प्यूटर का 'संगणक' नाम उचित ही है । यह सामान्यतः एक परिकलन यन्त्र (Calculation Device) है, जो बहुत तीव्रता के साथ अंकगणितीय क्रिया पूरी करता है। यह गणना प्रक्रिया पूर्णत: सटीक और अत्यधिक द्रुतगति से होती है। कम्प्यूटर दिए गए निर्देश का पालन सेकेण्ड के लाखवें हिस्से से भी कम समय में कर सकता है। यह केवल डाटा-संग्रह और उसका संसाधन (प्रोसेस) ही नहीं करता, बल्कि डाटा की बार-बार एक ही प्रक्रिया को क्रियान्वित करने में भी उपयोगी है।

सामान्यतः कम्प्यूटर का आशय ऐसे इलेक्ट्रायी यन्त्र से है, जिसमें सूचना या डाटा के भण्डारण की आन्तरिक क्षमता होती है। आवश्यकतानुसार यह इस भण्डारण - सूचना को अतिशीघ्र माँगे जाने पर उपलब्ध भी करा सकता है। वास्तव में इसमें अनुदेशों के प्रोग्राम होते हैं, जिनके द्वारा गणना - प्रक्रिया करते हुए यह सटीक और शीघ्र परिणाम उपलब्ध कराता है। यह एक ही प्रक्रिया को बार-बार क्रियान्वित कर सकता है।

कम्प्यूटर का परिचय

कम्प्यूटर एक ऐसी स्वत: चालित (ऑटोमैटिक) इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जो हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों के समूह अर्थात् प्रोग्राम के नियन्त्रण में डाटा (data) की प्रोसेसिंग तीव्रता तथा परिशुद्धता ( सब प्रकार से शुद्ध) से करते हुए अर्थपूर्ण तथा उपयोगी सूचनाओं का निर्माण करती है।

कोई भी समस्या, जो चरणबद्ध ढंग से हल की जा सकती है, वह कम्प्यूटर द्वारा भी हल की जा सकती है। कम्प्यूटर में डाटा को स्वीकार करके दिए गए प्रोग्राम के अनुसार उन पर गणितीय और तार्किक प्रक्रिया करने की क्षमता होती है, जिसके कारण कम्प्यूटर वर्तमान में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण संयन्त्र हो गया है। कम्प्यूटर में डाटा को स्वीकार करने के लिए इनपुट डिवाइस होते हैं। प्रोसेसिंग करने वाले उपकरण को केन्द्रीय संसाधन इकाई तथा वांछित उपयोगी सूचनाओं को हमारे समक्ष प्रस्तुत करने वाले उपकरण आउटपुट डिवाइस कहलाते हैं।

सारांशतः हम कम्प्यूटर को इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं-

"कम्प्यूटर एक 'स्वतः संचालित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसमें अग्रलिखित क्षमताएँ होती हैं- प्रयोगकर्त्ता द्वारा दिए गए डाटा तथा निर्देशों को स्वीकारना ।

कम्प्यूटिंग भाषा में हिन्दी के विकास की आवश्यकता

कम्प्यूटिंग भाषा से आशय – कम्प्यूटर विश्व का ऐसा आविष्कार है, जो अंकीय प्रणाली पर कार्य करता है और अंकों को भाषा में परिवर्तित करके उसके आधार पर कार्य को अन्तिम परिणाम तक पहुँचाता है। यह क्योंकि अंकों के रूप में भाषा की पहचान करके अपने कार्य को आगे बढ़ाता है, इसलिए हम कह सकते हैं कि कम्प्यूटर अंकीय आधारित भाषा से निर्देशित होकर ही कार्यों को सम्पन्न करता है। कम्प्यूटर जिस भाषा से निर्देशित होता है, उसे कम्प्यूटर की भाषा कहते हैं। अपने विकास के आरम्भिक चरण में अंग्रेजी ही एकमात्र कम्प्यूटर भाषा थी। मगर जैसे-जैसे समय बीतता गया, कम्प्यूटर अनेक भाषाओं में कार्य करने लगा । आज कम्प्यूटर हिन्दी सहित कितनी ही भाषाओं में कार्य करने लगा है।

कम्प्यूटर का हिन्दी से परिचय

कम्प्यूटिंग भाषा कम्प्यूटर विज्ञान का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। आज जीवन में कम्प्यूटर का महत्त्व इतना अधिक बढ़ गया है कि विकास के किसी भी क्षेत्र में कम्प्यूटर के बिना किसी भी प्रगति की कल्पना नहीं की जा सकती; इसलिए भाषा का विकास भी कम्प्यूटरीकरण के बिना नहीं हो सकता । भाषायी कम्प्यूटिंग की दुनिया में आज हिन्दी ने बहुत प्रगति की है। 80 के दशक में कम्प्यूटिंग की दुनिया में प्रवेश करके आज हिन्दी ने इस क्षेत्र में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान बना लिया है। आज कम्प्यूटर और उस पर आधारित अन्य साधनों पर हिन्दी में काम करना उतना ही सहज है, जितना किसी और भाषा में।

अस्सी के दशक से पूर्व कम्प्यूटर के पर्दे पर हिन्दी का एक भी अक्षर प्रयोग नहीं होता था। हिन्दी में फोटो कम्पोजिंग के लिए विदेशों से लाइनोट्रान मशीनों का आयात किया जाता था, किन्तु ऐसी मशीनें कुछ गिने-चुने समाचार-पत्रों और बड़े प्रकाशकों के पास थीं। भारत में इस दिशा में आई० आई०टी० कानपुर के वैज्ञानिकों का प्रयास विशेष रूप से उल्लेखनीय है। सन् 1971-72 ई० में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई०आई०टी०) कानपुर बहुत सरल कुंजीपटल और उसकी प्रणाली तैयार की गई, जिसे सभी भारतीय भाषाओं के लिए प्रयोग किया जा सकता था।

सन् 1977 ई० में सर्वप्रथम शब्द संसाधन के क्षेत्र में कार्य आरम्भ हुआ। इस वर्ष ई०सी०आई०एल० हैदराबाद की एक कम्पनी ने हिन्दी में 'फोट्रोन' नामक कम्प्यूटर भाषा में एक छोटा-सा प्रोग्राम चलाकर दिखाया था अर्थात् कम्प्यूटर के पर्दे पर पहली बार

1977 ई०. में हिन्दी के अक्षर दिखाई पड़े। इसके बाद कम्प्यूटर जगत् में भारतीय भाषाओं के प्रयोग के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।

हिन्दी का पहला 'प्रोटोटाइप टर्मिनल' सन् 1978 ई० में तैयार किया गया। इसके पश्चात् भारत में प्रथम द्विभाषी कम्प्यूटर 'सिद्धार्थ' का विकास सन् 1980 ई० के आस-पास बिरला विज्ञान और टेक्नोलॉजी संस्थान, पिलानी और डी०सी०एम० दिल्ली के संयुक्त प्रयासों से हुआ।

कम्प्यूटर में हिन्दी का प्रयोग : एक द्रष्टि में

 

वर्ष हिन्दी आधारित कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी सॉफ्टवेयरों का विकासक्रम
1983  डॉस (DOC) हिन्दी आधारित कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी / सॉफ्टवेयरों का विकास आरम्भ।
1986 सूचना एवं प्रौद्योगिकी मन्त्रालय, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी विभाग (DOE ) द्वारा भारतीय भाषाओं के लिए इंस्क्रिप्ट की-बोर्ड को मानक की-बोर्ड के रूप में
मान्यता |
1991 यूनिकोड का आगमन, जिसमें नौ भारतीय लिपियों— देवनागरी, बंगाली, गुजराती, गुरुमुखी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम तथा उड़िया को शामिल किया गया। यह एक क्रान्तिकारी बदलाव सिद्ध हुआ।
1993 माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस प्रोफेशनल के आने के बाद 8 बिट (bit) हिन्दी फॉण्टों से विण्डोज में हिन्दी वर्ड प्रोसेसिंग सम्भव ।
1995 विण्डोज के लिए सी-डैक द्वारा हिन्दी सहित अन्य भारतीय भाषाओं के समर्थनयुक्त लीप ऑफिस श्रीलिपि तथा अक्षर आदि वर्ड प्रोसेसरों का आगमन ।
1996 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के अवसर पर तत्कालीन रक्षामन्त्री मुलायम सिंह यादव ने पीसी-डॉस के हिन्दी संस्करण का विमोचन किया, जिसमें एक हिन्दी प्रोग्रामिंग भाषा भी शामिल थी।
2000 यूनिकोड के माध्यम से हिन्दी समाचार-पत्रों के आगमन से इण्टरनेट पर हिन्दी क्रान्ति की शुरूआत सी-डैक के हिन्दी ऑपरेटिंग सिस्टम इण्डिक्स की शुरूआत, विण्डोज 2000 एवं माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के दक्षिण एशियाई संस्करण में हिन्दी समर्थन आरम्भ |
2002 लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य प्रोग्रामों के हिन्दीकरण की शुरूआत।
2003 हिन्दी विकिपीडिया की शुरूआत अकाउण्टिंग सॉफ्टवेयर टैली में हिन्दी समर्थन उपलब्ध । इण्टरनेट सर्च हिन्दी में भी उपलब्ध, हिन्दी ब्लॉगों का पदार्पण तथा जीमेल द्वारा हिन्दी ई-मेल की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
2005 माइक्रोसॉफ्ट एक्सपी ऑपरेटिंग सिस्टम का हिन्दी स्टार्टर संस्करण जारी किया गया।
2008 विण्डोज विस्टा जारी, विण्डोज का ऐसा पहला संस्करण, जिसमें अन्तर्निर्मित हिन्दी समर्थन पहले से ही है। अलग से कोई सैटिंग नहीं करनी पड़ती, बस टाइपिंग हेतु की-बोर्ड लेआउट सॉफ्टवेयर डालना पड़ता है। सी-डैक द्वारा हिन्दी श्रुतलेखन सॉफ्टवेयर (स्पीच टू टैक्स्ट) का विमोचन। गूगल ट्रांसलिट्रेशन टूल जारी किया गया।
2010 गूगल द्वारा हिन्दी तथा अन्य प्रमुख विदेशी भाषाओं में अनुवाद की सुविधा उपलब्ध ।
2010 टचस्क्रीन डिवाइसों पर हिन्दी टंकण हेतु टचनागरी नामक ऑनलाइन हिन्दी कीबोर्ड जारी किया गया। भारतीय रुपया का प्रतीक चिन्ह र यूनिकोर्ड 6.0 में शामिल किया गया।
2011 वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग ( CSTT ) ने हिन्दी शब्दावलियाँ ऑनलाइन कीं। हिन्दी दिवस के दिन हिन्दी ट्विटर जारी ।
2012 फायरफॉक्स को मोबाइल ब्राउजर हिन्दी में भी उपलब्ध।
2014 इस वर्ष गूगल ने कई महत्त्वपूर्ण कार्य किए। गूगल मैप्स में हिन्दी दिखने लगी, गूगल वाक् से पाठ (स्पीच टू टैक्स्ट), हिन्दी वॉइस सर्च एवं गूगल हिन्दी विज्ञापन की शुरूआत।
2015 गूगल डॉक्स की ओ०सी०आर० सुविधा में हिन्दी भाषा भी शामिल की गई।

 

स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

हिन्दी कम्प्यूटिंग सम्बन्धी प्रमुख टूल और सॉफ्टवेयर

हिन्दी कम्प्यूटिंग सम्बन्धी प्रमुख टूल इस प्रकार हैं-

1. टाइपिंग टूल - हिन्दी संगणन औजारों की बात होने पर सबसे पहले टंकण औजारों की बात आती है। कम्प्यूटर और मोबाइल के लगभग सभी ऑपरेटिंग सिस्टमों में मानक इंस्क्रिप्ट कीबोर्ड अन्तर्निर्मित होती है। हिन्दी टंकण के लिए सामान्य मोबाइल फोनों पर T6 इनपुट व्यवस्था तथा टचस्क्रीन फोनों में इंस्क्रिप्ट ऑनस्क्रीन कीबोर्ड होता है।

2. लिप्यन्तरण टूल - हिन्दी एवं दूसरी भाषाओं के मध्य दूरी पाटने के लिए मशीनी लिप्यन्तरण तथा मशीनी अनुवाद सेवाएँ उपलब्ध हैं। मशीनी लिप्यन्तरण सेवाओं के अन्तर्गत देवनागरी एवं अन्य भारतीय लिपियों में परस्पर परिवर्तन सम्भव है। इनके प्रयोग से आप किसी पंजाबी में लिखे वेबपेज को पलक झपकते ही देवनागरी में पढ़ सकते हैं।

3. मशीनी अनुवाद के टूल - कम्प्यूटर में मशीनी अनुवाद सेवाएँ इतनी बेहतर तो नहीं, परन्तु किसी दूसरी भाषा में लिखी सामग्री का हिन्दी में अर्थ समझने में कुछ सहायता कर देती हैं। मशीनी अनुवाद के लिए गूगल ट्रांसलेट, मन्त्र - राजभाषा तथा बिंग ट्रांसलेटर आदि कुछ सेवाएँ हैं। ओ०सी०आर० तकनीक किसी इमेज में से टैक्स्ट को पहचानकर उसे सम्पादन योग्य टैक्स्ट में बदलती है। ओसीआर मुद्रित हिन्दी सामग्री के डिजिटलीकरण के लिए एक महत्त्वपूर्ण औजार है। अंग्रेजी के लिए जहाँ कई ओसीआर हैं, वहीं हिन्दी के लिए काफी हद तक सही परिणाम देने वाला हिन्दी / संस्कृत ओसीआर नामक एक ही औजार है। इस दिशा में अभी और काम किया जाना बाकी है।

4. शब्दकोशीय टूल - कम्प्यूटर में समाहित इलेक्ट्रॉनिक शब्दकोश किसी शब्द का अर्थ, उच्चारण आदि ढूँढना सरल बनाते हैं। हिन्दी के लिए शब्दकोश डॉट कॉम, ई-महाशब्दकोश, अरविन्द - लैक्सिकन, विक्शनरी आदि ऑनलाइन शब्दकोश उपलब्ध हैं। इनके अतिरिक्त कई ऑफलाइन इलेक्ट्रॉनिक शब्दकोश भी उपलब्ध हैं।

5. वर्तनी जाँचक टूल - कम्प्यूटर में किसी दस्तावेज में टंकित हिन्दी सामग्री की वर्तनी की शुद्धता को जाँचने हेतु कई वर्तनी जाँचक (स्पैल चैकर) भी उपलब्ध हैं।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय - 1 कार्यालयी हिन्दी का स्वरूप, उद्देश्य एवं क्षेत्र
  2. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  3. उत्तरमाला
  4. अध्याय - 2 कार्यालयी हिन्दी में प्रयुक्त पारिभाषिक शब्दावली
  5. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  6. उत्तरमाला
  7. अध्याय - 3 संक्षेपण
  8. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  9. उत्तरमाला
  10. अध्याय - 4 पल्लवन
  11. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  12. उत्तरमाला
  13. अध्याय - 5 प्रारूपण
  14. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  15. उत्तरमाला
  16. अध्याय - 6 टिप्पण
  17. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  18. उत्तरमाला
  19. अध्याय - 7 कार्यालयी हिन्दी पत्राचार
  20. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  21. उत्तरमाला
  22. अध्याय - 8 हिन्दी भाषा और संगणक (कम्प्यूटर)
  23. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  24. उत्तरमाला
  25. अध्याय - 9 संगणक में हिन्दी का ई-लेखन
  26. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  27. उत्तरमाला
  28. अध्याय - 10 हिन्दी और सूचना प्रौद्योगिकी
  29. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  30. उत्तरमाला
  31. अध्याय - 11 भाषा प्रौद्योगिकी और हिन्दी
  32. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न
  33. उत्तरमाला

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